बेरोजगारी बढ़ने का मुख्य कारण (The main reason for increasing unemployment)?

बेरोजगारी क्या हैं

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बेरोजगारी बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, और इनमें से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:

1. आर्थिक मंदी: जब एक देश में आर्थिक स्थिति मंद होती है, तो व्यापार, उद्योग, और सेवा क्षेत्रों में कमी हो सकती है, जिससे नौकरीधन में कमी होती है और बेरोजगारी बढ़ती है।

2. उद्यमिता की कमी: अगर एक समाज में उद्यमिता की कमी है और उद्यमिता को संबोधित करने के लिए अपेक्षाएं नहीं हैं, तो नए रोजगार सृष्टि में कमी हो सकती है।

3. शिक्षा में कमी: शिक्षा की कमी भी एक महत्वपूर्ण कारण हो सकती है, क्योंकि योग्य और कुशल कार्यकर्ताओं की कमी रोजगार के अवसरों को प्रभावित कर सकती है।

4. औद्योगिक संप्रेषण और तकनीकी परिवर्तन: औद्योगिक संप्रेषण और तकनीकी परिवर्तन के कारण कई पारंपरिक उद्योगों में बदलाव होता है, जिससे कुशल और अनुप्रयुक्त कार्यकर्ताओं की आवश्यकता कम हो सकती है और बेरोजगारी बढ़ सकती है।

5. जनसंख्या वृद्धि: जनसंख्या वृद्धि के कारण अधिक लोग नौकरी के लिए प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं, जिससे नौकरी मिलने में कठिनाई हो सकती है।

6. कृषि सेक्टर में असुविधा: भारत जैसे कुछ देशों में कृषि सेक्टर में असुविधा और असमानता के कारण लोगों को अच्छे रोजगार के अवसरों में कमी हो सकती है।

इन कारणों के संयोजन से बेरोजगारी बढ़ सकती है, जिससे समाज, आर्थिक स्थिति, और व्यक्तिगत स्तर पर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

बेरोजगारी क्या हैं (What is Unemployment)?

बेरोजगारी एक स्थिति है जब एक व्यक्ति जो काम करने के लिए प्रतिबद्ध है, कोई रोजगार नहीं प्राप्त कर पा रहा है और उसे आर्थिक रूप से स्वाबलंबन करने में समस्या हो रही है। इसका मतलब है कि व्यक्ति को एक नौकरी या उपयुक्त रोजगार मौका नहीं मिल रहा है, जिससे उसे आत्मनिर्भरता और आर्थिक स्थिति में सुधार करने का अवसर नहीं मिलता है।

बेरोजगारी कई प्रकार की हो सकती है, जैसे कि युवा बेरोजगारी, शिक्षित बेरोजगारी, और सामाजिक बेरोजगारी। यह एक समाज में आर्थिक समस्या की एक प्रकार है जो व्यक्ति और समाज दोनों को प्रभावित कर सकती है।

बेरोजगारी का कारण विभिन्न हो सकता है, जैसे कि आर्थिक मंदी, उद्यमिता की कमी, शिक्षा में कमी, तकनीकी परिवर्तन, और सामाजिक असमानता। सरकारें और समाज अक्सर बेरोजगारी को कम करने और रोजगार सृष्टि करने के लिए नौकरी सृष्टि, कौशल विकास, और अन्य कदमों का समर्थन करती हैं।

बेरोज़गारी कैसे कम की जा सकती है (How can unemployment be reduced)?

बेरोजगारी को कम करने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं, जो सरकार, समाज, और व्यक्ति स्तर पर साझेदारी करके संभावना है। यहां कुछ मुख्य उपाय दिए गए हैं:

1. नौकरी सृष्टि: सरकारें नौकरी सृष्टि में विशेषज्ञता रख सकती हैं जिससे नए रोजगार सृष्टि हो सकती है। यह स्थानीय और क्षेत्रीय उद्यमों के साथ मिलकर काम कर सकता है।

2. कौशल विकास: लोगों को उच्चतम योग्यता और कौशलों के साथ लैस करने के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण का समर्थन करना चाहिए। यह उन्हें अधिक रोजगार सम्भावनाएं प्रदान कर सकता है।

3. उद्यमिता की प्रोत्साहना: उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सरकारें और सामाजिक संगठन उद्यमिता की संवृद्धि के लिए कदम उठा सकते हैं।

4. सेक्टरीय सुधार: कुछ सेक्टरों में सुधार करना चाहिए, जैसे कि कृषि, वित्त, और उद्योग सेक्टर, ताकि वहां अधिक रोजगार सृष्टि हो सके।

5. नौकरी संरचना में सुधार: नौकरी संरचना में सुधार करने के लिए सरकार और उद्यमिता के स्तर पर कदम उठाए जा सकते हैं, जिससे नौकरीधन में कमी हो सकती है।

6. नौकरी सृष्टि के लिए सहयोगी कार्यक्रम: सरकारें और गैर सरकारी संगठन नौकरी सृष्टि के लिए सहयोगी कार्यक्रमों को प्रोत्साहित कर सकते हैं, जो लोगों को आत्मनिर्भरता में मदद कर सकते हैं।

7. सामाजिक सुरक्षा योजनाएं: सामाजिक सुरक्षा योजनाएं बेरोजगारी को कम करने में मदद कर सकती हैं, जैसे कि रोजगार गारंटी योजनाएं और आर्थिक सहायता प्रदान करने वाली योजनाएं।

इन कदमों को संयोजित रूप से अपनाने से बेरोजगारी में कमी हो सकती है और लोगों को अधिक रोजगार सम्भावनाएं मिल सकती हैं। 

बेरोजगारी कम करने के लिए भारत सरकार क्या कर रही है (What is the Indian government doing to reduce unemployment)?

बेरोजगारी को कम करने के लिए, भारत सरकार ने कई कदम उठाए हैं और उन्हें अपनी नीतियों और कार्रवाईयों के माध्यम से कार्यान्वित किया है। यहां कुछ मुख्य उपाय हैं जो भारत सरकार बेरोजगारी को कम करने के लिए अपना रही है:

1. मुद्रा योजना:

मुद्रा योजना के तहत छोटे व्यवसायों, उद्यमिता, और व्यापारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे नौकरीधन बढ़ सकता है और लोगों को स्वावलंबी बनाए रखने में मदद हो सकती है। मुद्रा योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है जो छोटे व्यवसायियों और व्यापारियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का उद्देश्य रखती है। "मुद्रा" का मतलब है "माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेन्स एजेंसी"। इस योजना के माध्यम से उद्यमिता को प्रोत्साहित किया जा रहा है और उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।

मुद्रा योजना के तहत तीन प्रमुख श्रेणियां हैं:

⇛ शिशु योजना (Shishu Yojana):

इस श्रेणी के तहत लोगों को लागत रुपये 50,000 तक का ऋण प्रदान किया जाता है।

⇛ किशोर योजना (Kishor Yojana):

 इस श्रेणी में ऋण रुपये 50,000 से लेकर 5,00,000 तक का हो सकता है।

 तरुण योजना (Tarun Yojana):

 इस श्रेणी में लोग ऋण ले सकते हैं जिसकी मान 5,00,000 से 10,00,000 रुपये तक हो सकती है।

मुद्रा योजना के तहत लोगों को स्वनिर्भर बनाने, उन्हें साकारात्मक बनाने और अच्छे रोजगार के अवसर प्रदान करने का उद्देश्य है। इस योजना के अंतर्गत लोग नौकरी या व्यापार शुरू करने के लिए आवश्यक सामग्री खरीदने और बिज़नेस को बढ़ावा देने में सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

2. स्किल विकास योजनाएं: 

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) जैसी योजनाएं लोगों को नौकरी के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने के लिए अनुष्ठान हो रही हैं।
स्किल विकास योजनाएं भारत सरकार द्वारा शुरू की गई हैं जो लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल अर्जित करने, उनके कौशलों को मजबूत करने और उन्हें नौकरी या व्यवसाय शुरू करने के लिए तैयार करने का उद्देश्य रखती हैं। ये योजनाएं भारत के विभिन्न हिस्सों में शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करती हैं ताकि लोग आधुनिक और उच्चतम योग्यता के साथ रहें और आधुनिक रोजगार के लिए तैयार हों।

कुछ मुख्य स्किल विकास योजनाएं निम्नलिखित हैं:

⇛ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY):

 यह योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण स्किल विकास योजना है जो विभिन्न क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है।

⇛ स्किल इंडिया: 

यह योजना भी भारत सरकार की एक और पहल है जो लोगों को उनकी रोजगार संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास में सहायता प्रदान करती है।

⇛ स्किल सेट इंडिया:

इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारतीय युवा को विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यक कौशल सिखाना है ताकि वे अच्छे रोजगार के लिए तैयार हो सकें।

 स्किल विकास और रोजगार के लिए राष्ट्रीय उम्मीद (NSDC):

राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) भी विभिन्न स्किल विकास कार्यक्रमों का समर्थन करता है जो लोगों को उच्चतम योग्यता और कौशल स्तर तक पहुंचने में मदद करते हैं।

⇛ कौशल भारती:

 यह योजना बेरोजगार युवा को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल सिखाने में मदद करती है ताकि वे आत्मनिर्भरता प्राप्त कर सकें।

इन योजनाओं के माध्यम से, भारत सरकार ने लोगों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उन्हें आधुनिक योग्यता प्रदान करने के लिए कई साधन प्रदान किए हैं।

3. रोजगार गारंटी योजना:

भारत सरकार ने ग्राम पंचायत स्तर पर रोजगार गारंटी योजना को शुरू की है, जिसका उद्देश्य गांवों में रोजगार सृष्टि करना है।

4. प्रधानमंत्री रोजगार सृष्टि योजना:

 इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृष्टि को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं।

5. स्वच्छ भारत अभियान:

 स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से जनसंख्या को स्वच्छता के क्षेत्र में नौकरी मिलने की संभावना है, जैसे कि शौचालय निर्माण और स्वच्छता से जुड़े कामों में।

6. रोजगार मेला और कैरियर सेवाएं:

 सरकार द्वारा आयोजित रोजगार मेले और कैरियर सेवाएं लोगों को रोजगार सम्बन्धित जानकारी और मौके प्रदान करने में मदद कर सकती हैं।

7. प्रवासी श्रमिकों के लिए स्कीमें: 

बाहर देश में रोजगार की तलाश में जाने वाले भारतीय प्रवासी श्रमिकों के लिए सरकार ने कई स्कीमें शुरू की हैं।

ये उपाय एक समृद्धि और नौकरी सृष्टि की कड़ी में सरकार के प्रयासों का एक हिस्सा हैं, जो बेरोजगारी को कम करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।